Budget and manage expenses

आय और खर्चों का लेखा-जोखा रखना
- Budget and manage expenses मैं सबसे पहले, अगर आप सैलरी पर हैं, तो आपको अपने खर्चों का पता होना चाहिए। अगर साथ ही कोई साइड इनकम है, तो उसका भी। जैसे आपकी कोई दुकान हो सकती है, कोई डिविडेंड इनकम हो सकती है, कोई रेंटल इनकम। और इसके साथ-साथ आपको अपने रैंडम खर्चों का भी पता होना चाहिए, जैसे ईएमआई, घर के जरूरी बिल, बच्चों का स्कूल खर्च आदि।
- इसके लिए अगर आपके पास एक्सेल शीट है तो अच्छी बात है नहीं तो आप मोबाइल में किसी ऐप के जरिए भी इसको ट्रैक कर सकते हैं जैसे गूगल शीट, मनी मैनेजर आदि।
खर्चों को श्रेणी में बाँटें
- जरूरी खर्च या फिक्स खर्च
- Budget and manage expenses सबसे पहले आपको यह देखना है कि वो ऐसे कौन से खर्च हैं जिनके ऊपर आपका कंट्रोल नहीं है मतलब वो पक्का होंगे, हो ही होंगे जैसे हमने पहले बताया बिल्स, ईएमआई जो कि मेजर खर्च होते हैं, हो सके तो आप इन्हें ऑटो पे मोड पर रखें ताकि बाउंसेस होने के चांस बहुत कम हो क्योंकि अगर ईएमआई बाउंस हो जाती है तो एक तो आपका सिबिल स्कोर खराब हो जाता है और दूसरा आपको एक्स्ट्रा भुगतान करना पड़ता है।
- एक बात का आपको हमेशा ध्यान रखना है कि आपकी आने वाली भी जो संख्या में आय है, जो एक्स कॉस्ट है, उसका 10 या 15% ज्यादा न हो, कभी-कभी हो सकती है।
- बचत या निवेश
- जैसे ही आपका फिक्स कॉस्ट वाला पार्ट पूरा है, उसके बाद आपका सेविंग वाला ऑप्शन खुल जाना चाहिए, जैसे कि हमने पहले बात की है कि आपके कुछ खर्च ऑटो पे होने चाहिए, उसी तरह आपके सेविंग वाले ऑप्शन भी ऑटो पे होने चाहिए ताकि आपके सेविंग ऑटो पे हो सके।
50/30/20/ Rule
- सबसे पहले तो आपको आज से ही अपने जीवन में 50/30/20 नियम को लागू करना है, यह आज से ही आपको फॉलो करना है। अब आगे हम बात करते हैं कि Budget and manage expenses मैं यह नियम किस तरह काम करता है।
- Budget and manage expenses 50% आपको वहां पर खर्च करना है जो कि आपके लिए आवश्यक है जैसे घर खर्च, बिजली का बिल, बच्चों की स्कूल फीस, घर का राशन आदि। यह सब वह खर्च हैं जिनमें आपको खर्च करना ही पड़ेगा।

- Budget and manage expenses 30% आपको अपने इच्छा खर्च करना है जैसे आपको कहीं बाहर डिनर करना है, मूवी देखनी है या फिर कोई शॉपिंग करनी है। इस तरह की जरूरतों के ऊपर आपको 30 प्रतिशत खर्च करना है, कहीं बार इनको पोस्टपोन भी करना पड़ सकता है ताकि आपका जो सबसे ज्यादा जरूरी 20% वाला पार्ट है, वो डिस्टर्ब न हो।
- Budget and manage expenses 20% वाला जो पार्ट है सबसे ज्यादा इंपोर्टेंट है, जो कि जब आप 60 साल के उम्र के बाद जब आपका शरीर इतना काम नहीं कर पाता या फिर आपको बच्चों की शादी की चिंता होती है, उस समय पर आपका हर महीने सेव किया गया पैसा आपको बहुत सपोर्ट करता है। और इसलिए हम जहां पर इसको सबसे ज्यादा इंपोर्टेंट कहते हैं। अब ये तो सिर्फ एक गाइडलाइन है, अगर आप 20% के जगह पर 30% सेव कर सकते हैं तो आपका 50 साल के बाद जीवन और ज्यादा सुखी हो सकता है। कभी भी इस पार्ट को कम न करें, अगर आज आप अपने 25 में हैं तो आपके पास सेविंग करने का पूरा समय है।
Emergency fund
- Budget and manage expenses आपको हर महीने जो थोड़ा बहुत पैसा बचता है उसे साइड रखें और हो सके तो कोई स्वास्थ्य बीमा लें ताकि अगर कभी कोई मेडिकल इमरजेंसी होती है तो आपको अस्पताल का बिल भरने में कोई दिक्कत न आए क्योंकि बीमारी किसी को बताकर नहीं आती है।

- अच्छी स्वास्थ्य बीमा के लिए आप पॉलिसी बाजार से या फिर एसबीआई बैंक से भी करवाते हैं जो कि 500/600 रुपये महीने में आपको मिल सकता है जिससे आपको आसानी रहे।
Saving rule
- Budget and manage expenses सबसे पहले आप जब भी कोई लोन लें तो ध्यान रहे कि आपके लोन की ईएमआई आपकी सैलरी का 10 या 12% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए, अगर सैलरी 1 लाख है तो ईएमआई 10 या 12 हजार से ज्यादा न हो।
- जब तक एक ऋण क्लियर नहीं होता, दूसरा ऋण न लें, फिर चाहे ऋण कितना छोटा क्यों न हो, साथ ही ऋण को टॉप करने के बारे में कभी न सोचें।
- आपके सेविंग और हेल्थ इंश्योरेंस वाला पार्ट ऑटोमैटिक कट जान चाहिए सैलरी आने के अगले दिन अगर सैलरी 1 तारीख को आ रही है तो 2 तारीख को ऑटो पे स्टॉप करे।
- Budget and manage expenses दैनिक खर्चों पर नियंत्रण करें जैसे कि दैनिक रूप से 20 रुपये की चाय पीना, बाहर से पानी की बोतल लेना, घर से नहीं ले जाना, जब भी सफर में जाएं, बाहर का खाना खाना और वीकेंड पर बाहर का खाना खाना आदि।

- ऑनलाइन शॉपिंग को अवॉइड करें, ऑफलाइन शॉपिंग की आदत डालें जिससे आपको पैसे बच सकें। ऑफर का इंतज़ार करें, कोशिश करें कि हमेशा डिस्काउंट पर सामान ले सकें।
- अगर आपको कुछ ऐसा खरीदना है जो आपके एक या दो महीने के वेतन के बराबर है तो उसके लिए 3/4 महीने थोड़ा-थोड़ा पैसा जोड़ें फिर उसके लिए अचानक कभी किसी खर्च का प्लान न करें।
- अगर आपसे कोई अतिरिक्त बाउंस मिलता है या कहीं से कुछ अतिरिक्त पैसे आते हैं, तो उन्हें खर्च करने के बजाय निवेश करें।
- अगर आप कोई गाड़ी खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो कम से कम दो साल पहले सेPlanning शुरू करें और मिनिमम 80% डाउन पेमेंट करने के बाद ही खरीदें।
- सोशल स्टेटस को बहुत ज्यादा मेंटेन न करें, जैसे बच्चों के जन्मदिन पर 10/15/20 हजार का खर्च कर देना, इस खर्च करने के बजाय उसके नाम से सिप या FD/RD करें
Frequently ask questions
How do you budget and manage expenses
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- How to reduce expenses in daily life
- How to manage expenses at home
- How do you arrange budget
- How should be prioritized when creating a budget
- How can a budget help you reach your finical goals